Draupadi Murmu Biography: द्रौपदी मुर्मू की जीवनी हमेशा से ही एक रोचक विषय रही है। वह झारखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनी थी जो अपनी संपूर्ण जीवन भर देश की सेवा में लगाई। द्रौपदी मुर्मू की व्यक्तित्व और उनके समाजसेवी कार्यों से प्रभावित होकर लोगों के मन में उनका गहरा सम्मान है। यह ब्लॉग द्रौपदी मुर्मू की जीवनी पर आधारित है जिसमें उनके जीवन के महत्वपूर्ण पलों के बारे में जानकारी दी गई है।
Draupadi Murmu Biography (द्रौपदी मुर्मू की जीवनी)
नाम | :- द्रौपदी मुर्मू |
जन्म तिथि | :- 20 जून 1958 (शुक्रवार) |
राशि | :- मिथुन |
जन्म स्थान | :- मयूरभंज, उड़ीसा, भारत |
पेशा | :- राजनीतिज्ञ |
पार्टी | :- भारतीय जनता पार्टी |
वजन | :- 74 किलो |
लंबाई | :- 5 फीट 4 ईंच |
जाति | :- अनुसूचित जनजाति |
जातियता | :- संथाल जनजाति |
धर्म | :- हिन्दू |
पति का नाम | :- श्याम चरण मूर्मू |
Draupadi Murmu Education (द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा)
स्कुल/विद्यालय | के.बी. एचएस उपरबेड़ा स्कूल, मयूरभंज |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशा |
Draupadi Murmu Family (द्रौपदी मुर्मू का परिवार)
पति का नाम | :- श्याम चरण मूर्मू (पूर्व बैंक अधिकारी) |
पुत्री का नाम | :- इतिश्री मूर्मू |
पिता का नाम | :- बिरंची नारायण टुडू |
भाई/बहन | :- भाई 2 (भगत टुडु, सारनी टुडु) |
Draupadi Murmu Struggle (द्रौपदी मुर्मू का जीवन संघर्ष)
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ जोकि बैंक अधिकारी थे। शादी के बाद उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। बाद में उनके एक बेटे का निधन 2009 एवं दूसरे बेटे का 2013 में हो गया और पति भी छोड़कर वर्ष 2014 में पंचतत्व में विलीन हो गए।
बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद कठिन था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानते हुए समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।
द्रोपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में की जब वह झारखंड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क अधिकारी के रूप में काम कर रही थीं। बाद में वह राजनीति में आईं और 2005 में वे झारखंड विधानसभा के सदस्य चुनी गईं। द्रौपदी मुर्मू को सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ने वाली राजनीतिक नेता के रूप में जाना जाता है।
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत 1991 में झारखंड मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी के कार्यक्रम में शामिल होकर की थी। उन्होंने 2005 में पहली बार झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था और विधानसभा चुनाव में वे विजयी हुई थीं। वे फिर से 2009, 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने 2014 में झारखंड राज्य की सबसे पहली महिला राज्यपाल के रूप में तैनात किए जाने के बाद इस पद पर अपनी कार्यकाल योग्यता से निभाई हैं। उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई नए और उपयोगी योजनाओं को शुरू किया है। वे सामाजिक एवं आर्थिक विकास, महिला उत्थान और स्वच्छता जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देती हैं।
इस प्रकार, द्रौपदी मुर्मू ने अपनी राजनीतिक करियर में झारखंड राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- द्रोपदी मुर्मू जी ने वर्ष 1997 में राइरंगपुर नगर पंचायत से पहली बार पार्षद चुनाव जीत कर अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ किया।
- उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला और भाजपा के आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कि सदस्य बनी।
- द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2 बार भाजपा के टिकट से विधायक बनी।
- ओडिशा मौजूद नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल तथा भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रोपदी मुर्मू को वर्ष 2000 और वर्ष 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री रही।
- मई 2015 में झारखंड की नवीं राज्यपाल भी बनाई गई थी झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने द्रोपदी मुर्मू को राज्यपाल की शपथ दिलाई।
- झारखंड राज्य की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब इन्हीं के पास रहा।
- भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बनी राष्ट्रपति उम्मीदवार जीत कर भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू बनी।
Conclusion
समाजसेवी द्रौपदी मुर्मू की जीवनी से हमें उनकी संघर्ष से भरी जिंदगी के बारे में जानने का मौका मिलता है। उन्होंने अपने जीवन भर देश की सेवा में लगाया है और समाज को उनके कार्यों से जुड़ाव मिला है।
उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि जहां संघर्ष होता है, वहां सफलता ज़रूर होती है। द्रौपदी मुर्मू एक महिला नेता के रूप में सभी के लिए एक आदर्श हैं जिन्होंने अपने संघर्ष से साबित किया है कि महिलाओं का योगदान राजनीति में भी कम नहीं होता।
Final Words
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की जीवनी पढ़कर मेरे लिए यह स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने अपने जीवन के हर क्षण में समाज की सेवा के लिए दिया है। वे एक व्यक्ति की तरह नहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरह देश और समाज के लिए काम करती रही हैं।
उनकी संघर्षपूर्ण जीवनी हमें सिखाती है कि जिंदगी का सफर बहुत मुश्किल हो सकता है, लेकिन संघर्ष करने से सफलता अवश्य मिलती है। द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने अपनी सफलता के लिए कोई सामर्थ्य नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी जीत की चाबी अपनी मेहनत और निरंतर प्रयास में रखी थी।
मुझे लगता है कि Draupadi Murmu Biography एक महिला के लिए प्रेरणादायक हो सकती है। वे एक महिला नेता के रूप में देश में महिलाओं के उत्थान के लिए लड़ती रही हैं और समाज को स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूक करती रही हैं।