रतन टाटा की जीवनी 2023 | Ratan Tata Biography Detailed Hindi

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Ratan Tata जीवनी (Biography: जन्मतिथि शिक्षा माता पिता पत्नी), कुल संपत्ति, पुरस्कार से संबंधित जानकारी हिंदी में जाने

रतन टाटा भारत के ऐसे उद्योगपति हैं जो अपने कमाई का 65% हिस्सा लोगों के कल्याण में दान देते हैं इन्होंने अपने जीवन में काफी सफलता हासिल की जिनके बारे में इस पोस्ट में हम जानेंगे

रतन टाटा देश में उद्योगपतियों के रूप में काफी लोग जानते हैं लेकिन उनके निजी जीवन के बारे में शायद ही कोई जानते होंगे इसलिए उनके जीवन से संबंधित जानकारी जैसे जन्मतिथि शिक्षा माता पिता का नाम पारिवारिक जीवन कुल संपत्ति के बारे में इस पोस्ट में जानकारी दी गई है

Ratan Tata Jivani Biography

नामरतन टाटा
जन्मतिथि28 दिसंबर 1937 सूरत गुजरात
माता का नामसोनू टाटा
पिता का नामनवल टाटा
शिक्षाबैचलर ऑफ साइंस
कुल संपत्ति117 बिलियन डॉलर

Ratan Tata का प्रारंभिक जीवन

देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत शहर में हुआ इनके पिता का नाम नवल टाटा है जिनको नवज बाई टाटा ने गोद लिया था। क्योंकि नवजबाई टाटा के पति का निधन हो गया था जिसके बाद वह अकेली थी इसलिए उन्होंने इन्हें गोद लिया।

जब रतन टाटा की आयु 10 वर्ष की थी एवं उनके छोटे भाई जिम्मी टाटा की आयु 7 साल की थी तो उनके माता-पिता 1940 में एक दूसरे से अलग हो गए थे जिसके कारण दोनों भाइयों को भी अलग अलग होना पड़ा लेकिन उनकी दादी नवजबाई ने दोनों भूतों का पालन पोषण अच्छे से किया।

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रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिनका नाम नोएल टाटा है बचपन से ही इनकी रूचि पियानो सीखने और क्रिकेट खेलने में थी

रतन टाटा की शिक्षा

Ratan Tata की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल में हुई जहां से उन्होंने आठवीं की परीक्षा पास की उसके बाद कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल में दाखिला लिया और स्कूली शिक्षा प्राप्त की

स्कूली शिक्षा के बाद इन्होंने बी वास्तु कला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद 1975 में हॉवर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट का कोर्स किया

रतन टाटा के कैरियर

Ratan Taya

Ratan Tata भारत में लौटने से पहले लॉस एंजिल्स कैलिफोर्निया में जॉन्स एंड डेमोंस में कुछ दिन काम किए। बाद में दादी की बिगड़ती तबीयत के कारण अमेरिका में रहने का विचार छोड़कर इंडिया में वापस लौटे। इंडिया में लौटने के बाद इन्होंने आईबीएम के साथ काम किया जिसे जेआरडी टाटा पसंद नहीं करते थे और उन्होंने Ratan Tata को टाटा ग्रुप में काम करने का मौका दिया जहां से इनके कैरियर की शुरुआत हुई

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