अगर आप रेगुलर कमाई के लिए कोई नया बिजनेस शुरू करने का प्लान बना रहे हैं तो टोफू (Tofu) यानी सोया पनीर (Soya Paneer) का प्लांट आपके लिए अच्छा बिजनेश बन सकता है, टोफू के इस बिजनेस में थोड़ी सी मेहनत और सूझबूझ से आप अपने बिजनेश को एक ब्रांड के रूप में भी स्थापित कर सकते हैं, लगभग 3 से 4 लाख रुपये के इन्वेस्टमेंट करने से कुछ ही महीनों में आप मुनाफा में हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपये कमा सकते हैं. आइए जानते हैं इस बिजनेस के बारे में विस्तार से.
टोफू (Tofu) यानी सोया पनीर बिजनेस 3 से 4 लाख में शुरू हो जाएगा
टोफू के बिजनेस को शुरू करने में आपको 3 से 4 लाख रुपये का खर्च आता है, इसमें मशीनें और रॉ मटेरियल शामिल होता है. लगभग 2 से 3 लाख रुपये की बॉयलर, जार, सेपरेटर, छोटा फ्रीजर आदि सामान आपको खरीदने होंगे. इसके बाद 1 लाख रुपये में आपको सोयाबीन खरीदनी होगी, जो कारीगर टोफू बनाना जानता हो ऐसे कारीगर को भी शुरुआत में ही आपको हायर करना होगा ताकि आपका माल खराब न हो सके,
टोफू (Tofu) यानी सोया पनीर बिजनेश के लिए पहले तैयार करना होगा दूध
टोफू बनाना बिल्कुल आम दूध के पनीर बनाने जितना ही आसान हो जाता है, बस फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें पहले आपको दूध बनाना होगा, जिसके लिए पहले सोयाबीन को पीसकर 1:7 के अनुपात में पानी के साथ फेटकर इसे उबालना होता है, बॉयलर और ग्राइंडर में एक घंटे की प्रक्रिया में आपको लगभग 4 से 5 लीटर तक दूध मिलता है, इसके बाद दूध को सेपरेटर में डाला दिया जाता है, इससे दूध दही जैसा गाढ़ा हो जाता है, और इससे बचा हुआ पानी निकाला जाता है, लगभग 1 घंटे की प्रक्रिया के बाद आपको लगभग 2.5 से 3 किलोग्राम तक पनीर मिल जाता है.

40 हजार रुपये शुरुआती कमाई
टोफू का बाजार में दाम 300 से 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक होता है, आपको 1 किलोग्राम सोयाबीन से पूरी प्रक्रिया के बाद लगभग 2.5 किलोग्राम तक पनीर मिल जाता है, इस तरह से आप अगर एक दिन में 10 किलोग्राम तक पनीर भी बनाते हैं तो इसका बाजार में भाव लगभग 3 से 4 हजार रुपए तक होता है, ऐसे में यदि लेबर, बिजली, आदि अन्य खर्च को अगर 50 फीसदी भी माना जाय तो आपको इसके हिसाब से 40 हजार रुपए तक की शुद्ध बचत होती है, प्रतिदिन आप अगर 30 से 35 किलोग्राम टोफू बनाकर बाजार में बेचने में कामयाब हो जाते हैं तो आप आराम से 1 से 1.50 लाख रुपये तक महीना कमा सकते हैं
सभी जिलों में मिलता है लोन
इस प्रोजेक्ट के लिए यदि आपके पास पूंजी नहीं है तो हर छोटे मंझोले उद्योग की जैसे ही आपको इसके लिए भी बैंक से लोन मिल सकता है, इसके लिए आपको अपने प्रोजेक्ट को अपने जिला उद्योग कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा, इसके बाद मुनाफे और लागत का आंकलन करके आपको सब्सिडी वाला लोन मिल जा सकता है, इसके लिए समय समय पर केंद्र और राज्य सरकारों के एसएमई प्रोजेक्ट़स के लिए बिना ब्याज या कम ब्याज वाले लोन में भी शामिल किया जाता है.
हर प्रोडक्ट आता है काम
सोया पनीर बनाने में आपके पास बाय प्रोडक्ट के रूप में खली बचती है जिसके लिए आपको बता दें कि इससे भी कई प्रकार के प्रोडक्ट तैयार होते हैं, इस खली का इस्तेमाल आप बिस्कुट बनाने में भी होता है, इसके बाद जो प्रोडक्ट बनता है उससे बड़ी भी तैयार होती, इस बड़ी को खाने के रुप में इस्तेमाल किया जाता है, यह भी प्रोटीन का एक रिच सोर्स माना जाता है!