Bricks: Meaning, Types, Dimension, Uses, Rate 2024

Manoj Verma
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Bricks: घर तैयार करने के लिए उपयोग होने वाले सामग्री में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री Bricks होते है। ईंट एक महत्वपूर्ण वस्तु है जो लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है। ईंट न केवल एक निर्माण सामग्री है, बल्कि यह बहुत से भौतिक और व्यावसायिक उपयोगों के लिए भी उपयुक्त है। इसके अलावा, ईंट अपनी मजबूती, टिकाऊता, अस्थिरता और अनुकूलता के कारण निर्माण क्षेत्रों में आम तौर पर पसंद की जाती है।

मिट्टी जब आग में पकती है इसका रंग काई रंग से बदल कर लाल हो जाता है इसलिए इसे Red Bricks भी कहा जाता है।

ईंट का उपयोग निर्माण के क्षेत्र में बहुत जरूरी है। ईंट से बनी इमारतें दीवारों, खंभों, घरों और आवासीय इमारतों के निर्माण में इस्तेमाल की जाती हैं। ईंट की उन्नत तकनीक से आज के समय में आकर्षक और उच्च गुणवत्ता वाली इमारतें बनाई जा सकती हैं।

Meaning

इँट मिट्टी का आग में पकाया हुआ 10 ईंच x 5 ईंच 2.5 ईंच उँचाई के आकार का टुकड़ा है. कच्चा मिट्टी के टुकड़े पर जब दूसरा टूकड़ा रखा जाता है तो अपने उपर पड़ने वाले भार के कारण नीचे का टुकड़ा क्षति ग्रस्त होकर आकार बदल जाता है। 

इसीलिए इसे आग में पकाकर इसके आकार को मजबूत बनाया जाता है। जब ईंटो के उपर जब दूसरे ईंट को रखा जाता है तो एक आकार का ढ़ेर सा बनने का जो इसमें गुण होता है।

इसी गुण के कारण इसका इस्तेमाल कई जगहों पर आवश्यक रुप से होता है। ईंट का स्थान कोई भी सामग्री नहीं ले सकता है।

Types

Bricks को Manufacture किया जाता है तो इस प्रक्रिया में ईंट के गुणवता में भिन्नता आ जाती है। इसी भिन्नता के कारण इसे कई प्रकार में विभाजित किया जाता है। जिसमें कुछ प्रचलित प्रकार की ब्याख्या नीचे की जा रही है। 

1 No. Bricks – ईंट जब पकाया जाता है तब जो कच्चा ईट आग के जितना करीब होता उसके मजबूती का गुण ज्यादा होता है। मतलब उसमें दूर रहने वाले कच्चा ईंट के मुकाबले मजबूती ज्यादा होता है। इसलिए इसे 1 नं0 ब्रिक्स कहा जाता है। 

2 No. Bricks – ईंट तैयार करने की प्रक्रिया में जो ईंट आग से थोड़ा दूर रखा जाता है उसमें मजबूती पहले वाले से कम होता है। इसलिए इसे 2 नं0 ब्रिक्स कहा जाता है।

.3 No. Bricks – ईंट पकाने की प्रक्रिया में जो कच्चा ईंट तीसरी लेयर में रखी जाती है। उस कच्चा ईंट तक आग का असर उचित मात्रा में नहीं पहुँचने के कारण कुछ कम पकते है इसलिए इसे 3 नं0 ब्रिक्स कहा जाता है।

Goria Bricks – यह वैसे ब्रिक्स होते है जो जमीन पर सबसे पहले बिछाये जाते है। जो मिट्टी में दबाब के कारण धस जाते है। जिससे आग की तापमान पूरी तरह से इन तक नहीं पहुँच पाते है जिससे इनका रंग भी पूरी तरह से लाल नहीं हो पाता है। 

Ranth Bricks – यह वैसे ब्रिक्स होते है जो आग के शुरुआती जगह पर होते है जिस कारण आग की मात्र कुछ ज्यादा ही इनको मिलती है जिससे इनके रंग के साथ इनका आकार भी टेढ़ा हो जाता है। इसको रोड बनाने के काम में अधिक प्रयोग किया जाता है।

Jhama Bricks – 

Tukra Bricks – कच्चा ईंट को पकाने के प्रक्रिया में जो ईंट छोटे छोटे टुकड़े में टूट जाते है उन्हें टुकड़ा ब्रिक्स कहा जाता है।

Rabis – ईंट जब बनाया जाता है तब ईंट के साथ – साथ मिट्टी के कण भी आग मे गर्म होकर पक जाते है जिनका कोई आकार नहीं होता है। लेकिन इनमें मजबूती आम मिट्टी से ज्यादा होती है। इसे राबिस कहा जाता है।

Dimensions

ईंट का जो प्रचलित आकार माना जाता है वह 10 ईंच लंबा, 5 ईंच चौड़ा, 2.5 ईंट मोटा होता है। ऐसे इसका आकार भौगोलिक स्थिति के हिसाब से सभी जगह एक समान नहीं होता है।

Uses

ईंट के उपयोग से कई समस्याओं का समाधान भी हो सकता है। यह प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और आग से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा, ईंट की बनावट से संचार और यातायात भी बेहतर हो सकता है। आज के समय में ईंट का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है

Rate

Bricks का Rate Bricks के गुण एवं इनके तैयार करने वाले सामाग्री के आलावा इनके संसाथनों पर होने खर्च के आधार पर तय किया जाता है। जिस कारण हर जगह इसके निर्माण में लागत मूल्य में भिन्नता होती है।

ईंट का दर इसे Transportation के कारण भी हर जगह अलग अलग होते है।

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मेरा नाम मनोज वर्मा है। मैं बिहार के छोटे से शहर मुजफ्फरपुर से हूँ। मैने अर्थशास्त्र ऑनर्स के साथ एम.सी.ए. किया है। इसके अलावे डिजाईनिंग, एकाउटिंग, कम्प्युटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग का स्पेशल कोर्स कर रखा हूँ। साथ ही मुझे कम्प्युटर मेंटनेंस का 21 वर्ष का अनुभव है, कम्प्युटर की जटिल समस्याओं को सूक्ष्मता से अध्ययन कर उनका समाधान करने एवं महत्वपूर्ण जानकारियों को डिजिटल मिडिया द्वारा लोगों तक पहुँचाना चाहता हूँ, ऑनलाईन अर्निंग, बायोग्राफी, शेयर ट्रेडिंग, कम्प्युटर, मोटिवेशनल कहानी, शेयर ट्रेडिंग, ऑनलाईन अर्निंग, फेमस लोगों की जीवनी के बारे में लोगो तक जानकारी पहुँचाने हेतु लिखता हूँ।
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