DohaPadhal Likhal Kaniya | पढ़ल लिखल कनियाँ

Padhal Likhal Kaniya | पढ़ल लिखल कनियाँ

Rate this post

एक किलो अटवा में सान देलअ तीन किलो पनिआ,
कहाँ तक के पढ़ल – लिखल हत हे कनियाँ।

कयले छः गुमान कि हम हती पढ़ल,
हे तावा से रोटी निकालइछ जरल-जरल।

छोड़ दिहलअ चुल्हबे पर दुधवा पझायला,
उघारे छोड़ भंसा के बैइठ गेलअ बतिआयेला।

हे पी गेयलो दुधवा के पुरे बिलाइ, सास तनि बोलल त करे लगइअ लड़ाई,
खड़ा छः देवाल तर तकैछः चुल्हनियाँ, हे कहाँ तक पढ़ल लिखल हत हे कनियाँ।

दुधवे के चलते रहइछ तु कुफरल, लड़ेला हरदम मगज तोहर उखरल,
साबुन सर्फ ला करइछ तु झगड़ा, तेकरा लागी तु सास से करइछ रगड़ा।

उबीछ के खीबइछ लड़िका के तरकारी,
खाउक भाई न खाउक मरद के महतारी,

पीत खोचपन में फेट देलअ चाउर में धनियाँ,
हे तु कहाँ तक पढ़ल लिखल आगेलअ हमरा घर में कनियाँ।

हे तु कहाँ तक पढ़ल लिखल आगेलअ हमरा घर मे कनियाँ
कुनरी छमक के बिगइछ केरमनियाँ, हे कहाँ तक पढ़ल लिखल हत हे कनियाँ।

सब हमरा भतरा के खएलक कमाई, उल्टे तु हमरा के कहइछ हरजाई,
अब इ जंजाल में हम न परब, फोन करब मरद के अलगे हम रहब।

सास के मारेला उठवइछ बरहनियाँ, कहाँ तक पढ़ल लिखल हत हे कनियाँ
मुँह हमर तु देख के तु त जल्दी से आव, सब हो अपना फेरा में जल्दी फरियावअ।

दिन रात भर भुखे रह जाइछी दुपहर, अलग ना होयव त खा लेहम जहर,
हियाँ न भेजीह तु एको रुपईया, ना होए वाला है कोई भाई भउजईया।

झुठ-झुठ भतरा के कहइछ तु कहनियाँ,
कहाँ तक पढ़ल लिखल हत हे कनियाँ

अन्य पढ़ेः-  Janmashtami 2021 | जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल के भोग में बनाएं मखाने की खीर और पंचामृत

अगर मगर करइछ एतवार,
इफे बीफे शुक्कर सोमार,

रहन चाल ठीके न करइछ खुब पवनी।
तनका गो बात में फुला लेइछ तु थुथनी,

सास के कहइछ खाय ला किरिया,
ससुर के मारे ला उठा लेइछ पीढ़ीया।

अब कहीया सुधरव भेल जाइछ पुरनियाँ,
कहाँ तक पढ़ल लिखल हत हे कनियाँ।

ज्ञान से भेट न उहे करे ज्यादा बरत,
देव पीतर के नाम पर दिन दिन भर सहत।

सास ससुर के जे करे पुजा,
जान न यही हवे सबसे बड़ा धर्म, और न कोई दुजा।

दोस्तो नारी वह शक्ति है जो एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकती है, नारी जैसे मानव को जन्म देती है वैसे उनके भीतर सामाजिक गुणों का विकास भी कर सकती है,

अगर नारी चाहे तो समाज से काफी हद तक दोष को दूर करने में सक्षम होती है, मानव के भीतर के सदगुणो का निर्माण कर सकती है, लेकिन आज के समय में आधुनिकता के कारण नारी अपने शक्ति को पहचान नहीं पा रही है, अपने आधारभूत कर्तव्य को भूलती जा रही है

नारी को त्याग की मूर्ति कहा जाता है, क्योके नारी अपने स्वार्थ को ध्यान कभी नहीं देती है, अगर नारी में जरा सा भी स्वार्थ आ जाने का मतलब होगा, परिवार में कलह का बढ़ जाना, जिसे परिवार का संतूलन बिगड़ सकता है,

पढ़ाई के साथ साथ उन्हें अपने कर्तव्य को भी समझना जरुरी होगा, संसार बहुत कुछ इस पेट के कारण ही घटित होता है, मनुष्य जीवन भर भटकता रहता है राेटी कपड़ा और मकान के लिए, अगर आप ज्यादा पढ़े लिखे हो लेकिन रोटी बनाने की जानकारी न हो तो, पेट कैसे भरेगा,

अन्य पढ़ेः-  Sachin Tendulkar Biography in Hindi : सचिन तेंदुलकर की जीवन परिचय एवं 10 अनसुने सच

आज कल की महिलाए जितना ध्यान फैशन, मोबाइल की ओर देती है, उसका कुछ अंश मात्र भी परिवार के दायित्वो के बारे में जानने के लिए दे तो, परिवार में काफी झगड़े होना बंद हो जाएगें.

अभी के समय में महिलाए आत्मनिर्भर बनना चाहती है, वे अपने धन एवं महत्वाकाक्षां की पूर्ति के आगे परिवार को भी नहीं देखती है, इसके पुरुष ही काफी हद तक जिम्मेदार है,

पुरुष को भी चाहिए की उनके आधारभूत जरुरतों का ख्याल रखें, अगर समाज में हर कोई अपने कर्तव्य का पालन करेंगे तभी हमारा समाज समृद्ध एवं विकसित हो पाएगा।

इन्हे भी पढ़े – Motivational Quotes Hindi

तुरन्त लोन के लिए पढ़े – KreditBee से लोन कैसे ले

Manoj Verma
Manoj Vermahttps://hindimejane.net
यह बिहार के छोटे से शहर से है. ये अर्थशास्त्र ऑनर्स के साथ एम.सी.ए. है, इन्होनें डिजाईनिंग, एकाउटिंग, कम्प्युटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग का स्पेशल कोर्स किया हुआ. साथ ही इन्होनें कम्प्युटर मेंटनेंस का 21 वर्ष का अनुभव है, कम्प्युटर की समस्याओं को सूक्ष्मता से अध्ययन कर उनका समाधान करते है, इन्होने महत्वपूर्ण जानकारियों को इंटरनेंट के माध्यम से लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से ऑनलाईन अर्निंग, बायोग्राफी, शेयर ट्रेडिंग, आदि विषयों के बारे में लिखते है। लिखने की कला को इन्होने अपना प्रोफेशन बनाया ये ज्यादातर कम्प्युटर, मोटिवेशनल कहानी, शेयर ट्रेडिंग, ऑनलाईन अर्निंग, फेमस लोगों की जीवनी के बारे में लिखते है. साहित्य में इनकी रुचि के कारण कहानी, कविता, दोहा को आसान भाषा में प्रस्तुत करते है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

369FansLike
236FollowersFollow
109SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles