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दोस्तों आज इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गुड फ्राइडे क्या होता है, इसे क्यों मनाया जाता है, गुड फ्राईडे को कब से मनाया जाता है, हम सभी इस दिन को जानते है परन्तु इसके इतिहास के बारे में काफी कम लोग जानते है।

तो जो लोग इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है और हम उनके लिए इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इस पोस्ट में उपलब्ध करा रहे है, दोस्तो निवेदन है कि इस पोस्ट को पूरा पढ़े ताकि आपके सवाल का जवाब मिल सके.

good friday 2024

Good Friday History for Celebration

ईसाई धर्म में ग्रंथों के अनुसार जिस दिन प्रभु ईसा मसीह ने जिस दिन प्राण त्यागे थे, वह दिन शुक्रवार था। इसी कारण उनकी याद में इस दिन को गुड फ्राइडे के रुप में मनाया जाता है। लेकिन प्रभु ईसा मसीह अपनी मौत के दो दिन बाद यानी रविवार के दिन दोबारा जीवित हो गए थे।

Good Friday 2024: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन का नाम सुनकर आपको ऐसा लगेगा कि कोई बड़ा त्योहार है लेकिन आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। इस दिन को ईसाई धर्म में प्रभु यीशु की कुर्बानी के तौर पर याद किया जाता है। गुड फ्राईडे को शोक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है जिसमें लोग चर्च में जाकर मोमबती जलाकर प्रार्थनाएं करते हैं। गुड फ्राइडे को बैड फ्राइडे, होली फ्राइडे आदि के नाम से भी जाना जाता है।

कहा जाता है कि यहूदी शासकों ने प्रभु ईसा मसीह को कई तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती थी और फिर उन्हें सूली में लटका दिया गया था। जिस दिन प्रभु यीशु ने प्राण त्यागे उस दिन शुक्रवार का दिन था। इसी कारण इस दिन यानि कि शुक्रवार को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है।

गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है?

ऐसा माना जाता है कि गुड फ्राइडे को ईसा मसीह अपनी मृत्यु के दो दिन बाद दोबारा जीवित हो गए थे और उन्होंने मानव जाति को संदेश दिया था कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा और हमेशा लोगो की भलाई करूंगा। गुड फ्राइडे (Good Friday) का मतलब है कि होली फ्राइडे यानी पवित्र शुक्रवार। इसी कारण से इसे होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।

क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास?

पुरानी मान्यताओं के अनुसार, प्रभु यीशु ने मानव जाति के कल्याण के लिए खुद को हंसते-हंसते कुर्बान कर दिया था। माना जाता है कि आज से करीब 2003 साल पहले ईसा मसीह लोगों को भाईचारे, एकता और शांति के साथ रहने का उपदेश देते थे।

इस कारण से हर कोई उन्हें भगवान द्वारा भेजे गए दूत की तरह माना जाने लगा था। ऐसे में धर्म के नाम पर फरेब फैलाने वाले लोगों ने यहूदी शासकों के कान भरना (गुमराह करना) शुरू कर दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि प्रभु यीशु को राजद्रोह के मामले में फंसा कर सूली में चढ़ाने का फरमान जारी (आदेश) कर दिया गया।

इसके बाद उन्हें कारागार (जेल) में डालकर कई तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाएँ देना शुरू कर दिया और अंत में उन्हें सूली में चढ़ा दिया। सूली में चढ़ाते समय भी शासकों ने उनके ऊपर दया नहीं दिखाई।

उन्हें कांटों का ताज पहनाया और सूली को कंधे में उठा ले जाने के लिए विवश किया। बेरहमी से मारते हुए अंत में इसी सूली में उन्हें कीलियाँ ठोक कर लटका दिया।

प्रभु ईसा मसीह के आखिरी शब्द

जब प्रभु यीशु सूली खींचकर ले जा रहे हैं तब भी वह मानवता के कल्याण की बात कर रहे थे। उन्होंने मृत्यु के पहले कहा- ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं….

गुड फ्राइडे के दो दिन बाद मनाया जाता है ईस्टर संडे

पुरानी मान्यता के अनुसार यह है कि गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को लटकाया गया था। वहीं इसके दो दिन बाद यानी रविवार के दिन प्रभु यीशु दोबारा जीवित हो गए। उनके आने की खुशी में रविवार को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।

Conclusion

आशा करते है इस पोस्ट में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अन्य रोचक महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे होमपेज पर विजिट करके प्राप्त कर सकते है।

Good Friday Quotes

मैं तुम को एक नया आदेश देता हूं कि तुम सब एक दूसरे से प्रेम करो, जैसा मैंने तुम से प्रेम किया है, तुम एक दूसरे से प्रेम करो,

जो तुम से मांगा जाता है, उसे दे देना चाहिए. जो तुम्हारा सामान ले जाता है, उससे उस सामान के बारे में नहीं पू​छा जाता है, जैसा व्यवहार आप दूसरों से अपने प्रति चाहते हैं, ठीक वैसा ही व्यवहार उनके साथ करना चाहिए,

आप गरीब लोगों की सेवा करो. किसी भी व्यक्ति से कुछ भी मुफ्त में न लो, स्वयं के प्राणों को बचाने के बजाए दूसरों के प्राणों को बचाना चाहिए,

एक डॉक्टर की आवश्यकता सेहतमंद लोगों के लिए नहीं है, बल्कि बीमार लोगों के लिए है. वैसे ही मैं पवित्र लोगों के लिए नहीं, बल्कि पापियों के पश्चाताप के लिए आया हूं,

व्यक्ति को स्वयं के दुश्मनों से भी प्रेम करना चाहिए. उन लोगों के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए, जो हमें सताते हैं, ऐसा करने से हम उस ईश्वर की संतान बन जाएंगे, जो स्वर्ग में है. ईश्वर अपने प्रकाश को बुराई और अच्छाई दोनों पर एक बराबर डालता है,

किसी को भी हिंसा, लालच, चोरी और व्यभिचार नहीं करना चाहिए, आपको सभी लोगों से प्रेम करना चाहिए,

लोगों को सिर्फ अपने भोजन के लिए ही नहीं जीना चाहिए, ईश्वर के मुख से निकले हर शब्द के अनुसार जीवन जीना चाहिए,

यदि तुम अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहते हो, तो अपनी सभी संपत्ति का दान गरीबों को कर दो, तुम को स्वर्ग का खजाना मिल जाएगा,

डिसक्लेमर:-

इस पोस्ट में दी गई किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से इसे संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना को सूलभ तरीके से पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही होगी।’

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मेरा नाम मनोज वर्मा है। मैं बिहार के छोटे से शहर मुजफ्फरपुर से हूँ। मैने अर्थशास्त्र ऑनर्स के साथ एम.सी.ए. किया है। इसके अलावे डिजाईनिंग, एकाउटिंग, कम्प्युटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग का स्पेशल कोर्स कर रखा हूँ। साथ ही मुझे कम्प्युटर मेंटनेंस का 21 वर्ष का अनुभव है, कम्प्युटर की जटिल समस्याओं को सूक्ष्मता से अध्ययन कर उनका समाधान करने एवं महत्वपूर्ण जानकारियों को डिजिटल मिडिया द्वारा लोगों तक पहुँचाना चाहता हूँ, ऑनलाईन अर्निंग, बायोग्राफी, शेयर ट्रेडिंग, कम्प्युटर, मोटिवेशनल कहानी, शेयर ट्रेडिंग, ऑनलाईन अर्निंग, फेमस लोगों की जीवनी के बारे में लोगो तक जानकारी पहुँचाने हेतु लिखता हूँ।
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